यह मांगलिक अवसरों पर महिलाओं द्वारा किया जाता है स्त्री-पुरुष घेरा बनाकर रहते करते हैं लहंगे के घेरे को कुंभ कहते हैं इसमें ढोल नगाड़ा और शहनाई आदि वाद्य यंत्र का प्रयोग किया जाता है
चंग नृत्य –
राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र तथा बीकानेर जिला का प्रमुख नृत्य है इसका आयोजन होली पर्व पर होता है तथा महाशिवरात्रि से लेकर होली तक चलता है
कालबेलिया नृत्य
यह नृत्य दो महिलाओं द्वारा किया जाता है इस नृत्य में कांच के टुकड़े तथा जरी गोटों से तैयार काले रंग की कुर्ती लहंगा चुनरी पहन कर सांप की तरह बल खाते हुए नृत्य की प्रस्तुति दी जाती है
तेराताली नृत्य
इस नृत्य में कामड जाति की महिलाओं द्वारा अपने हाथ पैरों तथा शरीर के 13 स्थानों पर मंजीरे बांध कर किया जाता है
गेर नृत्य
यह भील आदिवासियों द्वारा किया जाता है गैर नृत्य में नृतक अपने हाथ में लकड़ी की छड़ी के साथ एक बड़े वृत्त में नाचते हैं
पणिहारी नृत्य
यह नृत्य घूमर के समान होता है इसमें महिलाएं से पर मिट्टी के घड़े रखकर हाथों एवं पैरों के संचालन के साथ नृत्य करती है
कच्छी घोड़ी
इसमें ऐसा आभास होता है जैसे नृतक घोड़े पर बैठा है इस नृत्य में एक या दो महिलाएं भी इस घुड़सवार के साथ नृत्य करती है