NEET OMR Sheet बदले जाने के एक मामले में मद्रास हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए MBBS थर्ड इयर स्टूडेंट का एडमिशन रद्द करने का आदेश दिया है। 

मद्रास उच्च न्यायालय ने नीट (यूजी) 2020 परीक्षा में भाग लेने वाले तीसरे वर्ष के एमबीबीएस छात्र का एडमिशन रद्द कर दिया है।

 इस केस में याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड की गई ओएमआर उत्तर पुस्तिका उसकी नहीं थी।

इस आरोप को कोर्ट ने गलत पाया और छात्र के ख‍िलाफ आदेश दिया है।

Live Law की रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले की व्यापक जांच के बाद न्यायमूर्ति सीवी कार्तिकेयन इस बात से संतुष्ट थे।

 प्रतिवादी को परीक्षा नियामक एजेंसियों द्वारा प्रस्तुत की गई मूल ओएमआर शीट इकलौती ही थी।

 जिसमें उम्मीदवार ने 720 में से 248 अंक प्राप्त किए थे। वो किसी भी तरह से बदली नहीं गई।

इस मामले में तीन साल पहले तूतीकोरिन सरकारी मेडिकल कॉलेज में एक छात्र को एमबीबीएस प्रवेश दिया गया था।

 साल 2020 के नीट छात्र ने अपनी ओएमआर शीट बदलने का आरोप लगाते हुए मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।

 13 जनवरी, 2021 को सिंगल बेंच जस्ट‍िस ने याचिकाकर्ता को पाठ्यक्रम में प्रवेश की अनुमति दे दी थी।