प्रत्येक वर्ष 15 जनवरी बतौर सेना दिवस तत्कालीन लेफ्टिनेंट जनरल के.एम. करियप्पा  जिन्होंने इसी दिन भारत के अंतिम ब्रिटिश कमांडर-इन-चीफ जनरल फ्रांसिस बुचर   की जगह ली थी, के सम्मान में मनाया जाता है।

तत्कालीन भारतीय सेना में उस समय लगभग 2 लाख सैनिक थे जब करियप्पा ने वर्ष 1947 में भारत-पाक के बीच हुए युद्ध में भारतीय सेना की कमान संभाली थी।

• भारतीय सेना का गठन वर्ष 1776 में ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा कलकत्ता (वर्तमान कोलकाता) में हुआ था।  भारतीय सेना का आदर्श वाक्य "स्वयं से पहले सेवा" है।

• यह दिन थल सेना की वीरता, अदम्य साहस, शौर्य और उसकी कुर्बानी की याद करता है। • राजधानी दिल्ली में सेना कमान मुख्यालय के साथ देश के अन्य हिस्सों में सैन्य परेड और शक्ति प्रदर्शन कार्यक्रमों का आयोजन होते हैं। 

• इस मौके पर सेना के कई दस्ते और रेजिमेंट मुख्य रूप से दिल्ली छावनी स्थित करियप्पा परेड मैदान में हिस्सा लेते हैं तथा विभिन्न झांकियां निकालने के साथ ही इस अवसर पर लड़ाकू प्रदर्शन भी परेड का हिस्सा होते हैं। 

• यह दिन थल सेना की वीरता, अदम्य साहस, शौर्य और उसकी कुर्बानी की याद करता है। • परमवीर चक्र और अशोक चक्र पुरस्कार विजेताओं की उपस्थिति में इस दिन वीरता पुरस्कार और सेना पदक प्रदान किए जाते हैं।