नई शिक्षा नीति (New Education Policy) 2020 के तहत जारी एनसीएफ के 800 पन्नों के मसौदे में कुछ प्रमुख बदलावों का प्रस्ताव स्कूली शिक्षा के चार चरण हैं, इनमें 5 (फाउंडेशनल) +3 (प्रिपरेट्री)+3 (मिडिल)+4 (सेकेंडरी) स्टेज शामिल है।

करीब 36 साल से चली आ रही भारतीय शिक्षा प्रणाली का पूरी तरह से कायापलट होने वाला है।

 नई शिक्षा नीति (New Education Policy) 2020 के तहत केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने नेशनल करिकुल फ्रेमवर्क (NCF) की सिफारिशों का ड्राफ्ट जारी किया है।

जारी किए गए मसौदे में भारत में कक्षा 1 से 12वीं तक बच्चे कैसे पढ़ेंगे,.क्या सीखेंगे, कैसे सीखेंगे, छात्रों की प्रतिभा का मूल्यांकन कैसे होगा आदि कई।

एनसीएफ द्वारा जारी किए गए ड्राफ्ट के मुताबिक, सेकेंडरी स्टेज को चार ग्रेड में बांटा गया है जिसमें 9वीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं क्लास शामिल है

 इस स्टेज में छात्रों को कुल 16 विकल्प आधारित पाठ्यक्रमों को पूरा करना होगा।

एनसीएफ द्वारा जारी किए गए ड्राफ्ट के मुताबिक, सेकेंडरी स्टेज को चार ग्रेड में बांटा गया है जिसमें 9वीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं क्लास शामिल है।

 इस स्टेज में छात्रों को 8-8 ग्रुप में कुल 16-16 पेपर देने होंगे।

11वीं-12वीं के हिस्सों को एक साथ रखने का प्रस्ताव है, स्टूडेंट्स को 8 विषयों में से हर ग्रुप के दो-दो विषय (16 विषय) दो साल के दौरान पढ़ने होंगे।

जैसे अगर कोई छात्र सोशल साइंस विषय में से इतिहास चुनता है तो उसे इतिहास के चार पेपर (कोर्स)  होंगे।