न्यू एजुकेशन पॉलिसी के लागू होने के बाद से स्कूली श‍िक्षा में जल्द ही कई बड़े बदलाव सामने आने वाले हैं। केंद्र सरकार की ओर से बनी कमिटी ने फिलहाल ड्राफ्ट में जो सिफारिश की है

 सरकार ने नई राष्ट्रीय पाठ्यचर्चा की रूपरेखा (NCFFS) तैयार करने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से एक विशेषज्ञ पैनल नियुक्त किया था।

इस विशेषज्ञ पैनल ने अब साल में दो बार बोर्ड परीक्षा की सिफारिश की है।

ये विशेषज्ञ पैनल श‍िक्षा मंत्रालय ने नेशनल करीकुलम फ्रेमवर्क फॉर स्कूल (NCF) एजुकेशन पर ड्राफ्ट के लिए एक कमेटी के तौर पर बनाया था।

 अब कमेटी से जो मंजूरी मिली है, उसके अनुसार बोर्ड परीक्षाओं को वर्ष में कम से कम दो बार आयोजित किया जाना चाहिए।

 इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि छात्रों के पास अच्छा प्रदर्शन करने के लिए पर्याप्त समय और अवसर दोनों हैं।  

इसके बाद छात्र उन पाठ्यक्रमों में बोर्ड परीक्षा में शामिल हो सकते हैं जिन्हें उन्होंने पूरा कर लिया है। वो वही पाठ्यक्रम चुन सकते हैं जिसमें वे खुद को तैयार महसूस करते हैं।

यह प्रक्रिया एक व्यापक टेस्ट आइटम बैंक (comprehensive test item bank) के निर्माण के जरिये ही संभव हो सकती है।

 इसका उपयोग उपयुक्त सॉफ़्टवेयर का उपयोग करके टेस्ट बनाने के लिए किया जा सकता है।

 यह निकट भविष्य में एनईपी 2020 में वर्णित ऑन-डिमांड एग्जाम की प्रणाली की ओर ले जाएगा।