हाईकोर्ट के फैसले के बाद जानिए पुराने चयनित लोगों का क्या होगा जो नौकरी कर रहे हैं? क्या अब फिर से पूरी लिस्ट नई बनेगी,इस फैसले से अब आरक्षण से क्या बदलाव होगा? पढ़‍िए- सभी बड़े सवालों के जवाब।

 हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा, 2019 के लिए जारी चयन सूची पर पुनर्विचार करने का आदेश राज्य सरकार  को दिया है।

  एक जून, 2020 को यह चयन सूची जारी हुई थी, पीठ ने कहा है कि तीन माह में समीक्षा कर अभ्यर्थियों की मेरिट सूची तैयार की जाए।

 पीठ ने इसके साथही इसी भर्ती परीक्षा के क्रम में आरक्षित वर्ग के अतिरिक्त 6800 अभ्यर्थियों की चयन सूची को खारिज कर दिया है।

समाजवादी पार्टी द्वारा किए गए शिक्षा मित्रों का समायोजन सहायक शिक्षा मित्र पर किया गया था।

 इसका कोर्ट ने समायोजन रद्द कर दिया गया था और कहा था कि एक  एक लाख 26 हज़ार पदों पर भर्ती की जानी चाहिये क्योंकि यह पद ख़ाली हो गए हैं।

 इस पर सरकार ने कहा कि इतनी बड़ी भर्ती एक साथ नहीं हो सकती है इसलिए एक  बार में 69 हज़ार और दूसरी बार 68 हज़ार सहायक शिक्षक भर्ती की जाएगी।  

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ल की एकल पीठ ने यह आदेश महेंद्र पाल व अन्य की याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई  करते हुए दिया है।

 जिन याचिकाओं में चयन सूची को इस आधार पर चुनौती दी गई थी कि आरक्षित श्रेणी के उन अभ्यर्थियों को भी आरक्षित श्रेणी में ही जगह दी गई।

जिन्होंने अनारक्षित वर्ग के लिए तय कट ऑफ मार्क्स प्राप्त किए हैं।